रक्षा बन्धन पर निबन्ध कैसे लिखें, एक सम्पूर्ण जानकारी
आज के इस आर्टिकल में हम रक्षा बन्धन पर निबन्ध कैसे लिखें की जानकारी पढ़ने वाले हैं यदि आप रक्षा बन्धन पर निबन्ध लिखना चाहते है तो इस आर्टिकल को पूरा जरूर पढ़िए।
रक्षा बंधन एक ऐसा त्यौहार है जो भाई और बहन के पवित्र बंधन को एक करता है। यह एक भाई और बहन के पवित्र प्रेम का प्रतीक है। इस दिन बहने अपने भाइयो के हाथो में पवित्र बंधन बांधती है और उनकी लंबी आयु होने की कामना करती है और भाई आजीवन बहन की रक्षा का वचन देता है, बहने भाईयो को मिठाई खिलाती है और भाई बहनो को उपहार देता है।
अन्य त्यौहार की भांति इस दिन भी बाजारों की शोभा देखते को मिलती है लोग मिठाई खरीदते है और दुकान में सुंदर राखियां मिलती है जिनको बहनें खरीदती है।
रक्षा बंधन कब मनाया जाता है ?
रक्षा बंधन श्रावण मास (जुलाई – अगस्त) की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है,
सावन महीने में मनाया जानें के कारण इसे सलूनों भी कहते है।
रक्षाबंधन क्यों मनाया जाता है?
त्यौहार के पीछे हमेशा एक इतिहास होता है रक्षा बंधन इसी तरह प्यार और सुरक्षा का वादा करने वाले का एक सुंदर इतिहास है, इतिहास के साथ – साथ वास्तविक घटनाए भी है जो रक्षा बंधन के महत्व को समझने में मदद करता है।
रक्षाबंधन का पर्व क्यों मनाया जाता है?
कृष्ण और द्रौपदी सम्बंधित :
भारतीय पौराणिक कथाएँ के अनुसार भगवान श्री कृष्ण के कलाई से खून बह रहा था तब द्रौपदी ने अपनी साड़ी का एक टुकड़ा फाड़कर भगवान श्री कृष्ण के कलाई में बाँधा भगवान श्री कृष्ण ने उस साड़ी के टुकड़े को राखी के रूप में स्वीकार किया और उन्होंने वचन दिया कि वह द्रौपदी की रक्षा हमेशा करेंगे।
भगवान श्री कृष्ण ने द्रौपदी की रक्षा उसके जीवन के सबसे कठिन समय में की जब हस्तिनापुर में कौरवों ने भरी सभा में द्रोपदी का अपमान हो रहा था तब श्री कृष्ण ने ही उनकी रक्षा की इसी दिन के प्रतीक में रक्षाबंधन का त्यौहार भाई बहन के रिश्ते के रूप में मनाया जाने लगा।
संतोषी माँ सम्बंधित :
भगवान विष्णु के दो पुत्र थे शुभ और लाभ इन दोनों भाइयों के पास बहन की कमी थी, क्योंकी बहन के बिना वे लोग रक्षाबंधन नहीं मना सकते थे इन दोनों भाइयों ने भगवान गणेश से एक बहन की मांग की कुछ समय के बाद नारद जी ने भी गणेश को पुत्री के बारे में कहा इस पर भगवान गणेश मान गए और उन्होंने एक पुत्री की कामना की भगवान गणेश की दो पत्नियों रिद्धि और सिद्धि की दिव्य ज्योति से माँ संतोषी का जन्म हुआ इसके बाद माँ संतोषी के साथ शुभ और लाभ ने रक्षाबंधन मनाया।
रक्षा बंधन का महत्व :
रक्षा बंधन बहनों और भाइयों को बांधे रखता है बहन और भाई भले ही शहरों और दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में रहकर एक दूसरे को देखने या राखी बांधने के लिए एक साथ आते हैं या वे पोस्ट ऑफिस के माध्यम से राखी भेजते हैं। जिससे रक्षा बंधन के पवित्र त्यौहार को निभा सकें।
रक्षा-बंधन की शुरुआत कैसे करते है ?
रक्षा बंधन के दिन प्रातः काल माँ बहनें पूजा की थाली में रोली, चावल, दिया, मिठाई, रखकर थाली को सजाती है। जिन बहनों के भाई होते है वो सुबह तैयार होकर अपनी बहनों से दाहिने हाथ में राखी बंधवाते है भाई अपनी बहनों को गिफ्ट या पैसे देते है।
राखी के दिन रक्षा बंधन को यादगार कैसे बना सकते है ?
- भाई और बहन जहाँ भी रह रहे हो राखी के समय पर एक जगह पर होकर रक्षा बंधन के त्यौहार का आनंद ले सकते है।
- भाई अपने बहनों को एक अच्छा गिफ्ट दे सकता है और इस दिन देना भी चाहियें।
- बहनों को भाई कही बाहर घुमाने भी ले जा सकता है जिससे Rakhsha Bandhan के त्यौहार को यादगार बना सकें।
प्रत्येक त्यौहार प्रत्येक का अपना विशिष्ट महत्त्व और प्रतीकवाद होता है अत: हम कह सकते है की भाई बहन के प्रेम का परिचायक यह पर्व हमे एकता, त्याग व कतर्व्य पालन का बोध करता है।
इन्हे भी पढ़ें :
अंतिम शब्द :
आशा करता हूँ की आपको रक्षा बन्धन पर निबन्ध कैसे लिखें जानकारी सही लगी होगी।
यदि सही लगे तो अपने साथियों में शेयर जरूर करें। रक्षा बंधन से सम्बंधित आपके मन में कोई प्रश्न है तो हमें कमेंट करें।