संविधान क्या है, आवश्यकता, प्रकार एवं भारत का संविधान
संविधान एक युक्ति है जिसमें किसी भी देश के मौलिक कानूनों का विस्तार में विवरण होता है।
जो की चुनी गई सरकार को विधान पूर्वक शासन करने में समर्थन प्रदान करता है संविधान ऐसी युक्ति है जिसके जरिए चुनी गई सत्ता और जनता के बीच स्पर्श पर संबंध स्थापित करता है।
संविधान की आवश्यकता :
किसी भी देश को सुव्यवस्थित रूप से चलाने के लिए सविधान अपनी अहम भूमिका निभाता है क्योंकि संबिधान में लिखें नियमों के अनुसार चुनी गई सरकार अपना प्रभुत्व जमाती है तथा संविधान में सुव्यवस्थित नियमों के आधार पर किसी भी देश के स्थाई तथा प्रवासी निवासियों के बीच किसी भी प्रकार का भेदभाव ना हो सुनिश्चित करता है और समाज के सभी सदस्यों के बीच समन्वय और तालमेल की भूमिका निभाता है। और संबिधान सरकार की शक्तियों की सीमाएं नियंत्रित करता है।
संविधान के प्रकार :
संविधान दो प्रकार के होते हैं।
- लिखित संविधान।
- अलिखित संविधान।
लिखित संविधान – लिखित संविधान वह है जो नियोजित समय मैं संबिधान सभा द्वारा पारित किया गया हो।
अलिखित संविधान –अलिखित संबिधान वह है जो देश में विभिन्न प्रकार के रीति-रिवाजों तथा परंपराओं के अनुसार शासन किया जाता है।
भारत का संविधान :
जैसा कि हम सब जानते हैं कि भारत का संबिधान डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी द्वारा रचा गया था डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी ने अमीर, गरीबी तथा जाति, धर्म को ध्यान में रखते हुए और भारत जैसे देश जो की जनसंख्या मैं दुनिया का दूसरे स्थान पर आने वाला सबसे बड़ा देश है जिसमें अलग-अलग जाति धर्म के लोग स्थाई रूप से रहते हैं।
उस देश को चलाना एक चुनौती से कम नहीं था क्योंकि स्थाई लोगों के विचार विमर्श भिन्न थे इन महत्वपूर्ण बातों को ध्यान रखते हुए डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जीने मौलिक अधिकारों का निर्माण किया।
जिनके अंतर्गत किसी भी जाति या धर्म को किसी भी प्रकार से पिछड़ा न रखा जा सके ऐसे मौलिक कानूनों का निर्माण किया गया।
आप देखेंगे कि भारत का संबिधान सबसे बड़ा लिखित तथा विस्तृत संबिधान है तथा इसमें 60 देशों के संबिधान में से प्रमुख प्रावधान लिए गए हैं।
संविधान सभा ने संविधान बनाते समय कुल 60 देशों के संबिधान का अध्ययन किया तथा उनमें से उचित तथा उपयोगी कानूनों को भारत के संबिधान में सम्मिलित किया गया।
भारत के संबिधान के लिए अमेरिका आयरलैंड , कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, रूस, जर्मनी, फ्रांस ,दक्षिण अफ्रीका, भिन्न देशों के संविधान से प्रावधान चुने।
संबिधान सभा में कुल 299 व्यक्ति मौजूद थे तथा उस सभा का अध्यक्ष डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी को बनाया गया था।
जिन की अध्यक्षता में भारत का संबिधान लिखित रूप में विस्तृत हुआ तथा इस सभा ने 26 नवंबर 1949 में अपना लिखित संबिधान कार्य पूर्ण कर उसे 26 जनवरी 1950 को लागू कर दिया था।
भारत के संविधान को बनने में समय लगा ?
जिसे हम गणतंत्र दिवस राष्ट्र उत्सव के रूप में मनाते हैं।
भारत के संबिधान को निर्मित करने में 2 वर्ष 11 महीने 18 दिनों का वक्त लगा।
लिखित तथा विस्तृत संविधान :
- भारत के मूल संबिधान में 395 अनुच्छेद 22 भाग 8 अनुसूचियां थी।
- वर्तमान मैं 465 से ज्यादा अनुच्छेद 25 भाग 12 अनुसूचियां हैं।
- भारतीय संविधान में संबिधान सभा में कानून विशेषज्ञों का प्रभुत्व था इस कारण भी यह विस्तृत संबिधान है।
भारत में निवास कर रहे हर व्यक्ति को अपने विकास के लिए आवश्यकता होती है भारत संबिधान लोगों को मौलिक अधिकार प्रदान कराता है वे यह है।
भारत संविधान में मौलिक अधिकार :
- समानता का अधिकार
- स्वतंत्रता का अधिकार
- शोषण के विरुद्ध अधिकार
- संस्कृति व शिक्षा का अधिकार
- धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार
- संवैधानिक उपचारों का अधिकार
- सार्वभौमिक व्यस्क मताधिकार
भारतीय संविधान के तहत भारत के प्रत्येक व्यक्ति को मतदान का अधिकार है।अगर वह 18 वर्ष का हो चुका है और भारत में महिलाओं को भी मतदान का अधिकार दिया गया है।
निष्कर्ष :
अगर आप भारत के निवासी हैं तो आपको भारत के संविधान तथा उसमें दिए गए मौलिक अधिकारों की जानकारी होना अति आवश्यक है जिससे आपको अपने अधिकारों का पता चलता है तथा उन मौलिक अधिकारों की सहायता से आपके जीवन मैं संघर्ष कम हो जाता है।
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अंतिम शब्द :
आशा करता हूँ की आपको संविधान क्या है जानकारी सही लगी होगी।
सही लगे तो दोस्तों को भेजें।
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