भारत के ऐतिहासिक पर्यटक स्थल के नाम व घूमने की जगह
आज के इस आर्टिकल में हम भारत के ऐतिहासिक पर्यटक स्थल की जानकारी पढ़ने वाले हैं यदि आप भारत के ऐतिहासिक पर्यटक स्थल की जानकारी जानना चाहते हैं तो इस आर्टिकल को पूरा जरूर पढ़िए।
ऐतिहासिक स्थल उन्हें कहते हैं जो हमारे पूर्वज और देश के राजाओं द्वारा किसी यादगार या रहने के लिए बनाई गई बड़ी-बड़ी तथा अद्भुत इमारतों को ऐतिहासिक स्थल कहा जाता है।
क्योंकि यह भारत में रहने वाले राजाओ द्वारा निर्मित की गई इमारतें होती हैं तथा यह अन्य प्रकार की कला के जरिए भारतीय संस्कृति और रचना को भी दर्शाता है जैसे कि आप किसी भी इतिहासिक स्थल मै प्रवेश करते हैं।
आप देखेंगे की वहाँ इमारतों पर की गई कारीगरी जोकि गिने चुने भारतीय कलाकारों के हाथों से की गई होती है जिससे इमारतों की शोभा और भी अद्भुत और सुंदर हो जाती है तथा ऐतिहासिक स्थल राष्ट्रीय कानून द्वारा संरक्षित किया जाता है क्योंकि इन ऐतिहासिक स्थलों पर कोई भी व्यक्ति अपना निजी अधिकार ना जमा सकें।
भारत के ऐतिहासिक महत्वपूर्ण पर्यटक स्थल :
हमने नीचे भारत के कुछ महत्वपूर्ण एतिहासिक स्थल के नाम दिए है, यदि आप घूमने का मन बना रहें है तो आपके लिए इनके बारें में जानना भी जरुरी है।
- ताज महल
- लाल किला
- हुमायूं का मकरबा
- क़ुतुब मीनार
- फतेहपुर सीकरी
- इंडिया गेट
- कमल मंदिर
ताज महल :
ताजमहल जो भारत के ऐतिहासिक स्थलों में से एक है तथा इसे दुनिया के सातों अजूबो में से एक माना जाता है अगर हम इसके इतिहास पर नजर डालें तो यहाँ शाहजहां ने अपनी पत्नी मुमताज की याद मैं इस विशाल और अति सुंदर इमारत का निर्माण कराया था तथा इसे बनाने में 22 वर्षों का समय लगा और इसे सफेद संगमरमर के पत्थरों से निर्माण किया गया तथा इसे प्यार के प्रतीक के नाम से भी जाना जाता है।
लाल किला :
लाल किला मुगल शासक में शाहजहाँ द्वारा बनवाया गया था, उन्होंने आगरा से दिल्ली में प्रवेश करने का निर्णय लिया था उस समय उन्होंने इसे अपने रहने के लिए बनवाया था इसे बनाने में लगभग 10 वर्ष की अवधि का समय लगा।
इसको लाल रंग के पत्थरों से निर्मित किया गया है तथा इसे बनाने में कई बातों का धान रखा है जैसे विभिन्न कक्षों को एक ही प्रकार का आकार दिया गया है और महाराजा शाहजहाँ के कक्ष की दीवारों को बड़ी मजबूती और उनका आकार ऊंचा रखा गया।
लाल किला की दीवारों को ऊंचा रखा गया ताकि किसी भी प्रकार के हमले से जान माल की हानी ना होने पाए लाल किला कई बीघा तक फैला है इसकी बनावट अति सुंदर है।
हुमायूं का मकबरा :
हुमायूं का मकबरा भारत के इतिहासिक स्थलों में से एक है इसे 15 वी शताब्दी मैं हुमायूं की बेगम हमीदा बानो ने अपने पति हुमायूं के याद में निर्मित करवाया था तथा इसमें बहुत ही सुंदर कारीगरी की गई है जो देखने मैं बहुत सुंदर है इसमे चारों ओर हरियाली का ध्यान दीया गया है जैसे चारों तरफ गार्डन बनाया गया है जिसमें फूलों के बगीचे तथा पेड़ पौधों को बड़ी ही सुंदर से आकार दिया गया है तथा इसे देखने के लिए सभी देशों से लोग आते हैं, यहाँ आकर आनंद उठाते है।
इंडिया गेट :
इंडिया गेट इससे पहले किंग्सवे नाम से जाना जाता था तथा यह भारत की स्वतंत्र राष्ट्रीय इमारत है इसकी ऊंचाई 42 मीटर है इसका डिजाइन लंदन के वास्तुकार एडवर्ड लुटियंस ने तैयार किया तथा इसका आकार पेरिस के अर्क डे ट्रायंफ से मिलता जुलता है इसको सन 1931 में निर्माण किया गया।
यह भारत के उन शहीदों की याद में बनाया गया था जो प्रथम विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटिश सेना में शामिल होकर और अफगान युद्ध में अपनी शहादत दे दी थी उस विश्व युद्ध में शहीद हुए सभी 13,300 सैनिकों के साथ अधिकारियों के नाम इंडिया गेट की दीवारों पर लिखित रूप से उपस्थित हैं तथा उनकी शहादत के लिए हर वक्त वहाँ पर एक उज्जवल दीया हमेशा प्रज्वलित रहती है।
जो यह दर्शाती है की भारत के वीर किस प्रकाश उन्होंने अपने आप को फर्ज की खातिर किस प्रकार शहीद कर दिया होगा।
क़ुतुब मीनार :
भारत की सबसे ऊंची मीनार कुतुब मीनार दिल्ली के महरौली इलाके में छत्तरपुर मंदिर के पास स्थित है।
यह विश्व की दूसरी सबसे ऊंची मीनार है, जिसका निर्माण 12वीं और 13वीं शताब्दी के बीच में कई अलग-अलग शासकों द्धारा करवाया गया था।
1193 ईसवी में दिल्ली के पहले मुस्लिम एवं गुलाम वंश के शासक कुतुबुद्दीन ऐबक द्वारा कुतुबमीनार का निर्माण काम शुरु करवाया गया था। उन्होंने कुतुबमीनार की नींव रख सिर्फ इसका बेसमेंट और पहली मंजिल बनवाई थी।
कुतुबुद्धीन ऐबक के शासनकाल में इस भव्य इमारत का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका था, जिसके बाद कुतुब मीनार की इमारत का निर्माण दिल्ली के सुल्तान एवं कुतुब-उद-दिन ऐबक के उत्तराधिकारी और पोते इल्तुमिश ने करवाया था, उन्होंने इस ऐतिहासिक इमारत मीनार की तीन और मंजिलें बनवाईं थी।
जबकि साल 1368 ईसवी में एशिया की इस सबसे ऊंची मीनार की पांचवी और अंतिम मंजिल का निर्माण फिरोज शाह तुगलक के द्धारा करवाया गया था।
फतेहपुर सीकरी :
आगरा से लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित ऐतिहासिक शहर जिसका निर्माण मुगल बादशाह अकबर ने करवाया था।
अकबर ने सीकरी को अपनी राजधानी बनाने का निश्चय किया था और इसी उद्देश्य से यहाँ उसने भव्य किले का निर्माण भी कराया और 1573 में यहीं से उस ने गुजरात को फतह करने के लिए कूच किया था।
गुजरात पर विजय पाकर लौटते समय उस ने सीकरी का नाम फतेहपुर (विजय नगरी) रख दिया। तब से यह स्थान फतेहपुर सीकरी कहलाता है।
कमल मंदिर :
यह एक ऐसा मंदिर है जहाँ किसी भी प्रकार की मूर्ति या स्मारक नहीं रखी गई है तथा इसकी बनावट सभी मंदिरों से भिन्न है और इसमें भिन्न प्रकार के धर्मों या संस्कृति से जुड़ी लेख पत्रिका प्राप्त होती हैं।
इसकी बनावटी कारीगरी को देखने के लिए विभिन्न देशों से पर्यटक आते हैं और इसमें किसी भी जाति धर्म के लोगों को प्रवेश करने की अनुमति होती है तथा इसका निर्माण फरीबर्ज सहाबा ने किया था जो कि एक वास्तुकार हैं। ऐतिहासिक स्थलों के रख-रखाव के लिए हजारों रुपयों का हर साल खर्च किया जाता है
ऐतिहासिक स्थल से भारत का लाभ :
ऐतिहासिक स्थल भारत को भिन्न प्रकार से लाभ होता है जैसे प्रवासी पर्यटक के जरिए भारत की राष्ट्रीय पूंजी में अधिक सुधार होता है तथा इसके जरिए भारत का इतिहास विभिन्न देशों तथा लोगो तक फैलता है जिससे उनको भारत के सांस्कृतिक तथा हस्तकला का पता चलता है।
निष्कर्ष:
भारतीय ऐतिहासिक स्थलों के लिए अलग-अलग देशों से आए हुए पर्यटक के जरिए बेरोजगार को रोजगार प्रदान होता है और आम आदमी की आर्थिक स्थिति में सुधार आता है।
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अंतिम शब्द :
आशा करता हूँ की आपको भारत के ऐतिहासिक पर्यटक स्थल की जानकारी सही लगी।
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