Software क्या है

Software क्या है ? इसके प्रकार एवं उदाहरण

क्या आप जानते है, Software क्या है।

सॉफ्टवेयर के कितने प्रकार होते है तथा सॉफ्टवेयर का उपयोग किस क्षेत्र में और किस लिए किया जाता हैं।

इन सभी विषयों पर इस पेज के माध्यम से चर्चा करेंगे यह आर्टिकल आपके लिए उपयोगी साबित होगा क्योंकि सॉफ्टवेयर के बारे में आपको पूरी जानकारी होना आवश्यक है और हम आपको यह आपकी सरल भाषा में बताएंगे जिससे आपको इसके बारे में समझने में किसी भी तरह की परेशानी न हो।

Software क्या होता है ?

सॉफ्टवेयर बहुत सारे प्रोग्राम का कलेक्शन होता है।

इसका यह मतलब है कि एक सॉफ्टवेयर बहुत सारे प्रोग्राम को लेकर बनता है इसको एक उदाहरण को लेकर समझते हैं जैसे- एमएस वर्ड एक सॉफ्टवेयर है इसे बहुत सारे प्रोग्राम के कलेक्शन को करके बनाया जाता है।

एमएस वर्ड एक निर्देश कार्य को पूर्ण करता है जैसे एमएस वर्ड में हम राइटिंग कार्य कर सकते है न कि विडियो या ऑडियो प्ले कर पाते है ऐसे ही वीएलसी मीडिया प्लेयर में हम वीडियो ही प्ले कर सकते है न की एडिटिंग कार्य को कर पाते हैं सॉफ्टवेयर कंप्यूटर का एक लॉजिक पार्ट होता है जो फिजिकली एडजिस्ट नहीं है या फिर इसे ऐसे समझें की सॉफ्टवेयर को छू नहीं सकते हैं।

ये प्रोग्राम है या फिर इसे सिग्नल भी बोल सकते है क्रोम, फोटोशॉप, मोज़िला फायरफॉक्स, एमएस वर्ड आदि सॉफ्टवेयर के कुछ उदाहरण है।

सॉफ्टवेयर कितने प्रकार के होते हैं ?

मुख्य रूप से सॉफ्टवेयर दो प्रकार के होते हैं-

1. एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर।

एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर वह सॉफ्टवेयर है जो यूजर अपनी नीड के मुताबिक कंप्यूटर में इंस्टॉल करता है।

इसके कुछ उदाहरण है वीएलसी मीडिया प्लेयर, गेम प्लेयर या एमएक्स प्लेयर ये एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर के उदाहरण है तथा एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर को चलाने के लिए हमें सिस्टम सॉफ्टवेयर की आवश्यकता होती है।

एप्लीकेशन  सॉफ्टवेयर के उदाहरण हैं –

  • MS वर्ड।
  • एमएस।
  • एक्सल।
  • एमएस पॉवर पॉइंट।

सिस्टम सॉफ्टवेयर :

सिस्टम सॉफ्टवेयर वह सॉफ्टवेयर होता है जो कंप्यूटर के बैकग्राउंड में कार्य करता है जैसे- सिस्टम सॉफ्टवेयर सबसे पहले कंप्यूटर में इंस्टॉल किया जाता है इसको एक उदाहरण से समझते हैं –

ऑपरेटिंग सिस्टम जैसा कि आप जानते हैं ऑपरेटिंग सिस्टम यूजर और कंप्यूटर के बीच इंटरफेस क्रिएट करता है मतलब यह एक ज़रिए है जिसके माध्यम से कंप्यूटर के साथ यूजर इंटरैक्ट करता है यानी बातचीत करता है।

सिस्टम सॉफ्टवेयर कंप्यूटर का वह पार्ट होता हैं जो ग्राउंड प्रोसेस को संभालता है ऑपरेटिंग सिस्टम इसका सबसे अच्छा उदाहरण है विंडोज- 7, मैक, लिनक्स, यूनिक्स आदि ये सब ऑपरेटिंग सिस्टम कंप्यूटर के डिफरेंट पार्ट को देखते है जैसे- कीबोर्ड,माउस इनको चलाने के लिए सबसे पहले सिस्टम सॉफ्टवेयर कंप्यूटर में इंस्टॉल किया जाता है।

सिस्टम सॉफ्टवेयर के कुछ उदाहरण हैं आइए इनके बारे मे जानते है जैसे- लैंग्वेज ट्रांसलेटर, यूक्लेटिक प्रोग्रेम, और ऑपरेटिंग सिस्टम जैसा कि ऑपरेटिंग सिस्टम के बारे में हम जान चुके हैं-

  • लैंग्वेज ट्रांसलेटर-

लैंग्वेज ट्रांसलेटर सॉफ्टवेयर के उदाहरण जैसे- इंटर पीटर, कंपाइलर और असेंबलर ये तीनों एक-एक ट्रांसलेटर है आपको पता होगा कि कंप्यूटर हाई लेवल लेंग्वेज को समझ नहीं सकता इसलिए उसको ट्रांसलेट किया जाता है लो लेवल लैंग्वेज यानी बाइनरी लैंग्वेज इसलिए जब प्रोग्राम या इंटरेक्शन देते हैं तब कंप्यूटर उस भाषा को नहीं समझ पाता इसलिए ट्रांसलेट बाइनरी लैंग्वेज में ट्रांसलेट करता है।

  • यूटेलेटिव प्रोग्राम :

यूटेलेटिव प्रोग्राम जो सिस्टम के रिसोर्सेज को मैनेज करते है इसका सबसे अच्छा उदाहरण हैं डिस्क फॉर्मेट तथा एंटी वायरस जो कि पहले से कंप्यूटर में रहते हैं जो कंप्यूटर को संभालते हैं तो ये उदाहरण है यूटिलिटी प्रोग्राम के है ।

सॉफ्टवेयर कौन बनाता है ?

जो सॉफ्टवेयर का निर्मित करता है उसे प्रोग्रामर्स कहते हैं सॉफ्टवेयर को बनाने के लिए आपको सॉफ्टवेयर स्किल्स की नॉलेज होना जरूरी है जैसे- c++, Java, ये दोनों एक-एक प्रोग्रामिंग लेंग्वेज है जिनकी सहायता से हम सॉफ्टवेयर बनाते हैं।

विप्रो, इंफोसिस, टीसीएस ये उन कंपनियों के नाम जहाँ सॉफ्टवेयर को इंप्लॉई की सहायता से डेवलप किया जाता हैं जिन्हें हम सॉफ्टवेयर इंजीनियर बोलते हैं।

सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने के लिए स्किल्स :

  • कंप्यूटर की संपूर्ण जानकारी तथा बैचलर डिग्री।
  • अपनी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज बहुत ही ज्यादा इफेक्टिव बनायें।
  • सभी स्किल्स को बेहतर बनाने के लिए इंटर्नशिप करें।
  • मास्टर डिग्री प्राप्त करें कंप्यूटर एप्लीकेशन में ।

प्रोग्रामर की सैलरी ?

जैसा कि हम सब जानते है सॉफ्टवेयर 21वी सदी में ज़्यादा इस्तेमाल होने वाले साधन में से एक हैं।

इसलिए प्रोग्रामर्स की मांग बहुत ही ज़्यादा मात्रा में होती हैं इस कारण उनकी सैलरी भी 50000 से 60000 हज़ार होती हैं।

यदि आप मल्टीनेशनल गूगल जैसी कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर की पोस्ट पर कार्यरत होते हैं तो आपकी सैलरी 10 से 20 लाख रुपए प्रति माह होती हैं यदि आप कुशाल Software इंजीनियर है तो।

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अंतिम शब्द :

आशा करता हूँ की इस पेज द्वारा बताई गई Software क्या है की संपूर्ण जानकारी आपको पसंद आई होगी।

इस पेज से सम्बंधित कोई प्रश्न है तो हमें कमेंट करें।

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