इंजीनियर

इंजीनियर कैसे बनें, जूनियर इंजीनियरिंग क्या है, कोर्स, शिक्षा, कार्य, सैलरी

क्या आप जानते है इंजीनियर किसे कहते हैं ?

इंजीनियरिंग और जूनियर इंजिनियर क्या होता है और उसकी क्या भूमिका होती है। इंजीनियरिंग विभाग में इसकी पूरी सूचना में आपको इस पेज पर दूंगा और आपकी यह जानने में सहायता करूंगा यदि आप जूनियर इंजिनियर बनना चाहते है तो आप किन- किन योग्यताओं से परिपक्व होने चाहिए। इस पेज पर जानकारी देकर आपकी सहायता करूंगा।

इंजीनियर क्या होता हैं?

यदि आप इंजिनियर की परिभाषा से परिचित होना चाहते है तो सरल भाषा में आपको समझाने का प्रयत्न करता हूँ यदि आप अपने आस-पास नज़र उठाकर देखेंगे तो आपको दिखने वाली वह सभी वस्तुएं जो की तकनीकी का प्रयोग करके बनाई गई है जो की सिर्फ इंजिनियर के माध्यम से होता हैं तथा इंजिनियर विज्ञान एवं गणित तकनीक का उपयोग कर अपनी कुशलता को उभरता है उसी व्यक्ति को हम इंजिनियर के नाम से सम्बोधित कर सकते हैं।

जूनियर इंजीनियर किसे कहते हैं?

इंजीनियर को परिभाषित करना बहुत ही आसान है क्योंकि सीनियर और जूनियर इंजीनियर में ज्यादा अंतर नहीं होता बल्कि उनका कार्य एक समान होता है।

हालांकि यदि सीनियर इंजीनियर कार्य के स्थान पर उपस्थित है उस दौरान सीनियर इंजीनियर के कथन अनुसार कार्य करना होता है परंतु यदि सीनियर इंजीनियर की अनुपस्थिति होती है।

उस दौरान जूनियर इंजिनियर का कार्य पूरे कार्य की बागडोर संभालना होता हैं तथा कार्य करते समय सीनियर इंजीनियर की सहायता करना भी जूनियर इंजिनियर का सर्वप्रथम कार्य होता है।

जूनियर इंजीनियर को हिंदी में क्या कहते हैं ?

जूनियर इंजिनियर को हिंदी में प्रसिद्ध नाम से जाना जाता है जिसे हम कनिष्ठ अभियंता कहते हैं।

इंजीनियर की मासिक आय:

इंजीनियर की मासिक आय उनकी योग्यता पर निर्भर करती है यदि वह जूनियर इंजिनियर की योग्यताओं में परिपूर्ण है तो उसे 25000 से लेकर ₹30000 तक की सैलरी उपलब्ध होती है इसके अलावा यदि ऐसा नहीं होता है तो उन्हें 15000 से ₹20000 प्रतिमा की प्राप्ति होती है।

जूनियर इंजीनियर की योग्य शिक्षा:

यदि आप जूनियर इंजीनियर का पद प्राप्त करना चाहते हैं उसके लिए आपको जूनियर इंजीनियर के पद से जुड़ी शिक्षा की जानकारी प्राप्ति होनी चाहिए जिसमें दसवीं उत्तीर्ण होने के पश्चात पॉलिटेक्निक जूनियर इंजीनियर का कोर्स करना आवश्यक होता है।

जिसकी समय अवधि कुल 3 साल होती है इस 3 साल के कोर्स के अंतर्गत ऑटोमोबाइल, मैकेनिकल, कंप्यूटर, इलेक्ट्रॉनिक्स, केमिकल इत्यादि बहुत सी इंजीनियरिंग से संबंधित कोर्स शामिल होते हैं।

जोकि आपको जूनियर इंजीनियर बनने में सहायता प्रदान करेंगे।

जूनियर इंजीनियर का कार्य:

  • कार्य करने में ईमानदारी।
  • टीम से बढ़िया और अच्छा काम करने का तरीके का ज्ञान होना।
  • सभी जिम्मेदारियों को अपने हाथ में लेने की योग्यता।
  • काम के दौरान हो रही सभी गतिविधियों पर नजर रखना।
  • काम में हो रही परेशानियों को सुलझाना।
  • काम करने में होने वाली वस्तुओं की कमी होने पर उन्हें उपलब्ध कराना।
  • कार्य के स्थान पर घटित होने वाली घटनाओं को सीनियर इंजिनियर को सूचित करना।

जूनियर इंजिनियर के कोर्स:

  • ऑफिस मैनेजमेंट एंड कंप्यूटर एप्लीकेशन।
  • एयरक्राफ्ट मेंटिनेंस इंजिनियर।
  • केमिकल इंजिनियर इन प्लास्टिक एंड पॉलीमर्स।
  • केमिकल इंजिनियर।
  • मेट्रोलॉजिकल इंजिनियर।
  • माइनिंग इंजिनियर।
  • कंप्यूटर इंजीनियरिंग।
  • इलेक्ट्रॉनिक एंड कम्युनिकेशन इंजिनियर।
  • अप्लाइड इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंस्ट्रूमेंटेशन इंजीनियरिंग।
  • ऑटोमोबाइल इंजिनियर।
  • मैकेनिकल इंजिनियर।

इत्यादि कोर्स इंजिनियर के कोर्स के अंतर्गत आते हैं इनमें से जिस किसी भी इंजीनियरिंग में आप रुचि रखते हैं उसके अनुसार आप इंजिनियर कोर्स का चयन कर सकते हैं।

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निष्कर्ष :

जूनियर इंजिनियर की जानकारी को साझा करने का हमारा यह तात्पर्य रहा है कि सभी अभिभावक ज्यादातर उच्च स्तर के पदों की जानकारी रखना पसंद करते हैं।

परंतु मेरा मानना यह है यदि आप जिस क्षेत्र में अपना बेहतर भविष्य बनाने का प्रयत्न करते हैं उसकी संपूर्ण जानकारी आपको पता होने आवश्यक है।

भले ही आप उस पद के लिए आवेदन नहीं करते हैं परंतु एक योग्य अभ्यार्थी होने के नाते आपको उससे जुड़े सभी पदों की जानकारी होना जरूरी है जिससे आपको काम करने में तथा अन्य पद के लोगों से काम लेने में किसी भी प्रकार की समस्या का सामना ना करना पड़े।

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