गर्जिया मंदिर, रामनगर कैसे जायें, आस्था, श्रद्धा, विश्वास
गर्जिया मंदिर शक्तिपीठ भारत के उत्तराखण्ड राज्य के नैनीताल जिले में रामनगर से 15 किलोमीटर की दूरी पर सुन्दरखाल गांव के पास कोसी नदी के बीच में है। यहाँ पर दूर-दूर से माता रानी के भक्त सच्चे मन से दर्शन के लिए आकर अपनी झोलियां भरते है।
गर्जिया मंदिर कहाँ पर है ?
यहाँ पर ट्रेन या उत्तराखंड रोडवेज़ से रामनगर पहुंच सकते है रामनगर से ऑटो या प्राइवेट कन्वेन्स से आप यात्रा करके अपने परिवर को माता रानी का दर्शन कराकर माँ का आशीर्वाद से मनोकामनाए पूरी करवा सकते है।
गर्जिया मंदिर की महत्वपूर्ण जानकारी व् कथा :
गर्जिया मंदिर प्राचीन काल के कत्यूरी वंश, गोरखा वंश और अंग्रेजो के शासन से पहले का है।
यहाँ के मंदिर के इतिहास के विषय मै सुन्दर खाल गांव वाले बताते है की यह मंदिर ऊपर पहाड़ो से बहता हुआ जा रहा था तभी भैरो बाबा ने आवाज लगाई बहन रुको बहन रुको और मंदिर रुक गया।
उस समय माता रानी के मंदिर को उटबा माई के नाम से जाना जाता था।
यहाँ मंदिर के आस पास घनघोर जंगल है यहाँ जंगली जानवरो का डेरा भी रहता है। यहाँ गांव वालो और भक्तो ने बहुत बार जंगल के राजा शेर को माता रानी के मंदिर में परिक्रमा करते हाथ जोड़ते हुए देखा है और कई बार शेर की गर्जना भी लोगो ने सुनी है नदी के पास भैरो बाबा का मंदिर प्राचीन काल से है।
गर्जिया मंदिर की पूजा का तरीका और प्रसाद :
गर्जिया मंदिर में दूर-दूर से भक्त आते है।
सबसे पहले कोशी नदी मै स्नान और स्वच्छ कपड़े पहन कर माता रानी के लिए प्रसाद की थाली तैयार करते है।
थाली मे नारियल, बताशा माता के लिए लाल चुनरी माता का श्रृंगार, फूल और माता का जयकारा लगाते हुए माता के भक्त सीढ़ीओ के रास्तें ऊपर चोटी पर माता रानी के दर्शन करते है।
मंदिर मै प्राचीन काल की लक्ष्मी नारयण और गणेश की मूर्ति संगमरमर की माता की मूर्ति है। माता रानी के चरणों मे सच्चे मन से शीश झुकाते है और अपनी मनोकामना मांगते है और चुनरी से गांठ भी लगाते है।
जिन भक्तो की मुरादें पूरी हो जाती है वो माता रानी को छत्र और घण्टी चढ़ाते है जयकार लगते हुए माता के दर्शन करते है।
माता के मंदिर के बाद भक्त शिव और बाबा भरौनाथ के दर्शन करते है और उनको प्रसाद मै खिचड़ी चढ़ाते है। भक्तो की यात्रा तभी पूरी होती जब शिव और बाबा भरोनाथ के दर्शन होते है।
मंदिर के आस पास पर्यटक स्थल :
गर्जिया मंदिर मे गंगा दशहरा, नवरात्रि और सभी स्नान के दिन मेला लगता है जो देखने लायक होता है।
गर्जिया मंदिर के आस पास घनघोर जंगल है। यह जंगल कार्बेट नेशनल पार्क के नाम से प्रसिद्ध है। देश विदेश से पर्यटक यहां घूमने आते है।
यहाँ के जीव जन्तुओ और प्रकर्ति के फोटो और विडोज़ बनाते है। यहाँ से आगे नैनीताल, अल्मोड़ा, रानीखेत और बहुत से देखने के जगह है। आप माता रानी के दर्शन करने के बाद घूमने के लिए नैनीताल, अल्मोड़ा आधी जगह पर जा सकते है।
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अंतिम शब्द :
आस्था, श्रद्धा, विश्वास और शक्ति :
उत्तराखंड देव भूमि है यहाँ के सभी मंदिर और शक्तिपीठ में जो भी भक्त सच्चे मन से जो मुराद मांगते है वो मुरादें पूरी होती है और भक्त उत्तराखंड देवभूमि का जयकारा लगता हुआ अपनी झोली भरता है। यह आस्था, श्रद्धा, विश्वास और शक्ति का केंद्र है।
अंत में आपसे विनर्मता पूर्वक निवेदन है की माता रानी के दर्शन करें और अपनी मनोकामना पूरी करें।
कमेंट बॉक्स में जय माता दी अवश्य लिखें।