होली पर निबन्ध कैसे लिखें, एक सम्पूर्ण जानकारी
आज के इस आर्टिकल में हम होली पर निबन्ध कैसे लिखें की जानकारी पढ़ने वाले हैं यदि आप होली पर निबन्ध लिखना चाहते है तो इस आर्टिकल को पूरा जरूर पढ़िए।
होली रंगों का त्यौहार है। इस त्यौहार को सभी धर्म के लोग बड़े उत्साह के साथ मानते है।
इस त्यौहार को वसंत ऋतू का त्यौहार भी कहा जाता है।
होली के दिन लोग आपसी झगड़े को भुलाकर एक दूसरे से गले मिलते है। यह बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है, क्योंकि यह हिरण्यकश्यप पर विष्णु की नरसिंह नारायण के रूप में जीत का जश्न भी कहा जाता है।
होली कब मनाई जाती है ?
ये त्यौहार हिन्दू पचांग के अनुसार फ़ाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है।
होली पर लोग क्या – क्या करते है ?
कई लोगों के लिए होली का त्यौहार एक दूसरों से मिलने, खेलने – हंसने, बोलने और माफ करने, टूटे हुए रिश्तों को सुधारने का भी दिन है।
होली पर कहानी :
होली दो दिनों का त्यौहार है। पहले दिन होलिका दहन किया जाता है। इसके पीछे एक मजेदार कहानी है।
हिरण्यकश्यप एक राजा हुआ करते थे जो खुद को अधिक बलवान और समझदार समझते थे। इसलिए वह देवताओं से नफरत करते थे और भगवान विष्णु का नाम सुनना तो उन्हें बिलकुल भी पसंद नहीं था,
लेकिन उनके पुत्र प्रहलाद भगवान विष्णु के अनन्य भक्त थे यह बात हिरण्यकश्यप को बिलकुल पसंद नहीं थी इसलिए हिरण्यकश्यप ने अपने पुत्र को डराने के लिए कई तरह से छल कपट किया और साथ में भगवान विष्णु की पूजा करने से रोका, पर भक्त पहलाद ने बिल्कुल भी न सुनी वह अपने भगवान की भक्ति में लीन रहें।
इन सभी बातों से परेशान होकर एक दिन हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन होलिका को अग्नि पर प्रहलाद को लेकर बैठने को कहा प्रहलाद अपनी बुआ के साथ अग्नि पर बैठ गए और अपने भगवान की भक्ति करने लगे तभी अचानक होलिका जलने लगी और आकाशवाणी हुई, जिसके अनुसार होलिका को याद दिलाया गया कि अगर वह अपने वरदान का गलत उपयोग करेगी, तब वह खुद जल कर राख हो जाएगी और ऐसा ही हुआ।
प्रहलाद का अग्नी कुछ नहीं बिगाड़ पाई और होलिका जल कर भस्म हो गई। आज तक उस दिन को होलिका दहन के नाम से जाना जाता है और अगले दिन रंगो से होली के त्यौहार को बड़े धूम – धाम से मनाया जाता है।
होली के दिन लोग क्या करते है ?
होली के दिन लोग सुबह जल्दी उठकर दोस्तो के घर जाकर उनसे गले लगते है। इस दिन आमतौर पर सभी के घरों में मुख्य पकवान गुजिया है। इस दिन घरो में कई तरह के पकवान बनायें जाते है जैसे हलवा – पूरी, खीर पकौड़ी आदि।
इस दिन दुकानों में रंग ,गुब्बारे, पिचकारी आदि चीजें दिखने को मिलती है। इस दिन लोग गाना – गाते और डांस करते है और बुरा न मानो होली है कह कर होली की शुरुआत करते है और शाम को नए कपड़े पहनते है।
होली के त्यौहार पर बुराइयों से बचें :
- जबरदस्ती किसी पर रंग न डालें अन्यथा लड़ाई झगड़ा हो सकता है।
- इस दिन शराब पीकर कुछ लोग गलत काम करते है और बाद में शर्मिंदगी महसूस करते है इसलिए इन सभी चीजों से बचें।
- कुछ लोग जान बुझ कर केमिकल वाले रंग लगाते है जिससे त्वचा खराब हो सकती है।
- कुछ लोग ऐसे भी है जो इधर -उधर जाकर गंदगी फैलाते है जिससे त्यौहार खराब होता है और बीमारी भी हो सकती है इसलिए इन सब से बचें।
- इस दिन शराब का सेवन न करें।
होली के महत्व :
एक ऐसा त्यौहार है जो दुश्मन को दोस्त बना देता है। इस दिन किसी भी धर्म, अमीर- गरीब आदि में भेदभाव नहीं होता। जो लोग किसी कारण से दूर होते है वो इस त्यौहार में एक दूसरे से मिल लेते है। ये त्यौहार सभी लोगो को आपस में भाईचारा को बनाये रखता है।
यह त्यौहार हमें बुराइयों से दूर रहने की सलाह देता है। होली एक ऐसा त्यौहार है जिसमे बच्चे, युवा, बूढ़े सभी खुल कर मजे करते है।
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निष्कर्ष :
होली रंगो का त्यौहार है जो मार्च महीने के शुरुआत या अंत में आकर खुशियाँ लाता है। होली में रंगों का प्रयोग करते समय हमें सावधानी बरतनी चाहियें। हमें किसी पर जबरदस्ती रंग नहीं लगाना चाहिए। हमें नेचुरल कलर से होली खेलनी चाहिए और हमें पानी को बर्बाद नहीं करना चाहिए।
यह त्यौहार प्रेम और भाईचारे का त्यौहार है। यह त्यौहार पुरे देश में उल्लाश, बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है और जीवन से हर तरह की नकारात्मकता को दूर करता है।
आशा करता हूँ की आपको होली पर निबन्ध कैसे लिखें जानकारी सही लगी होगी। यदि सही लगे तो अपने दोस्तों में शेयर जुरूर करें। यदि आपके मन में कोई प्रश्न है तो आप हमें कमेंट करें।