SSD क्या है ? SSD Full Form, प्रकार व् फायदें
आज के इस आर्टिकल में हम SSD क्या है की जानकारी पढ़ने वाले हैं यदि आप SSD की जानकारी जानना चाहते हैं तो इस आर्टिकल को पूरा जरूर पढ़िए।
SSD क्या है ?
एसएसडी एक प्रकार की हार्ड सॉलिड स्टेट ड्राइव होती है जिसमें हम डाटा को स्टोर करते हैं।
इसका इस्तेमाल कंप्यूटर में हार्ड डिस्क के स्थान पर किया जा सकता है सॉलि़ड स्टेट ड्राइव का यूज आपके कंप्यूटर के लिए लाभदायक होता है क्योंकि इसका प्रयोग आपके कंप्यूटर की कार्य गति को बढ़ा देता है।
SSD Full Form:
एसएससी की फुल फॉर्म Solid State Drive है।
SSD के प्रकार:
SSD के निम्न प्रकार होते है जैसे :-
SATA :
यह एसएसडी पुराने हार्ड डिस्क के साइज की होती है।
क्या सेटा इंटरफ़ेस का यूज़ करती हैं ?
यह सेटा प्रोटोकॉल पर काम करती हैं जो हार्ड डिस्क को ध्यान में रखकर बनाया गया था इस कारण लेटेस्ट सेटा 3 में भी मैक्सिमम स्पीड 6 Gbit/s यानी 75 MB पर सेकंड ही स्पीड मिल सकती हैं। एससीआई बैकवर्ड कंप्टेटबल होती हैं सेटा 1 और सेटा 2 के लिए यदि आपका कंप्यूटर बहुत ही पुराना है तो आप उसमें भी आप 2.5 की SSD आप लगा सकते है।
तथा यह 2.5 सेटा SSD वैसे भी सेटा की मैक्सिमम प्रेक्टिकल स्पीड 500 50 MB/S पर बहुच चुकी है तो इसमें स्पीड इंप्रूवमेंट की उम्मीद कम है पर एसएसडी 500 50 MB/S से कई ज़्यादा स्पीड देने में कैपेबल होता है।
इसलिए एनवीएमई प्रोटोकॉल यह एनवीएमई प्रोटोकॉल आपके PC के मदरबोर्ड के पीसीआई एक्सप्रेस स्लॉट का यूज करती है वही पीसीआई स्लॉट जिसमें आप ग्राफिक्स कार्ड जैसी चीजें लगाते हैं पीसीआई के कई ग्राफिक्स स्लोड होते हैं जैसे x 1,x2,x4x,x8,x16 सबके अलग- अलग साइज होते है।
एम.2
यह एसएसडी का छोटा फॉर्म फैक्टर होता है जो कि लगभग प्रेम के साइज का होता है।
ओके प्लस स्टोरेज के लिए ज्यादा स्पेस की जरूरत नहीं होती है 2.5 SSD के अंदर भी खाली-खाली सा होता है तो इसीलिए यह छोटा फॉर्म फैक्टर होता है m.2 SSD ये m.2 दो टाइप में आता है एक m.2 SSD सेटा के लिए जो 2.5 SSD जेसी 550 MBps स्पीड देगा और एक m.2 SSD vme SSD जो 3000 Mbps से ज़्यादा की स्पीड देगा।
पीसीआई :
पेरीफियरली कंपोनेंट इंटरकोनेक्ट पीसीआई एक ऐसे स्लॉट होता है जिसमें हम कोई भी एक्सटेंशन के लिए कार्ड लगा सकते हैं या कोई कंपोनेंट ऐड करना है।
तो वह पाठ हम यहां लगा सकते हैं जैसे की ऑडियो कार्ड वीडियो कार्ड इत्यादि को खराब होने पर हम अलग से एडॉप्टर को पीसीआई पर लगा सकते हैं एशियाई स्लॉट के टाइप वेद और टाइप होते हैं।
एक 3.3v 32 bit PCI कार्ड आता था और दूसरा 3.3v 34 bit PCI कार्ड pci की स्पीड दो स्पीड होती है।
एक वह जो पीसीआई में 32-bit की स्पीड आती थी वह दो फ्रीक्वेंसी में आती थी 33MHz और 66MHz की स्पीड और दूसरी वह 64 – bit PCI की तो उसमे भी 33MHz व 66MHz की स्पीड ही आती थी और इनको कैलकुलेट करने पर अलग-अलग स्पीड आती हैं।
SSD यूज करने के फ़ायदे:
- एसएसडी प्रयोग आपको एक फास्टर और राइड स्पीच प्रदान करती हैं।
- SSD की पावर एफिशिएंसी एक सॉलिड स्टेट ड्राइव एक हार्ड ड्राइव की तुलना में कम पॉवर का इस्तमाल करते हैं।
- फास्टर बूस्ट टाइम SSD का यूज़ आपको फास्टर विंडो या अन्य ऑपरेटिंग सिस्टम को बूस्ट कर जल्द वापस आ सकते है।
- एसएसडी के यूज़ से आपको किसी भी तरह की आवाज जनरेट होती हुई नहीं सुनाई देती हैं क्योंकि इसमें मूविंग पार्ट नहीं होते है।
SSD और HDD में अन्तर:
SSD और HDD एक स्टोरेज डिवाइस हैं जिनका उपयोग कंप्यूटर, लेपटॉप में किया जाता हैं इन दिनों का काम एक जैसा ही है परन्तु दोनो के बीच काफी अन्तर भी है जिसके कारण लोगों को इन दोनों डिवाइज को समझने में परेशानी होती हैं।
HDD:
- Hard Disk ड्राइव में डेटा लम्बे समय तक स्टोरेज रहता है जब तक आप उसे डिलीट न कर दे।
- हार्ड डिस्क का काम डाटा स्टोर करके रखने और ज़रूरत पड़ने पर रीडराइव करना होता हैं।
- हार्ड डिस्क दो तरह के होते हैं एक्सटर्नल हार्ड डिस्क हॉट एनल हार्ड डिस्क।
- इंटरनल हार्ड डिस्क सीपीयू के अंदर मौजूद होता है जो डाटा केबल का उपयोग करके मदरबोर्ड से जुड़ा रहता है और एक्सटर्नल हार्ड डिस्क अंदर से बिल्कुल हमारे कंप्यूटर हार्ड डिक्स जैसा होता है पर फर्क सिर्फ इतना है एक्सटर्नल हार्ड डिस्क कंप्यूटर में यूएसबी बोर्ड द्वारा लगाया जाता है।
- सबसे पहला हार्ड डिस्क आईबीएम कंपनी ने निर्मित किया था जिसकी स्टोरेज कैपेसिटी 5MB और वजन ढाई सौ किलो था।
SSD:
- एसएसडी स्टोरेज डिवाइस होता हैं।
- वजन में हल्का और छोटा होता है।
- एसएसडी हार्ड डिस्क का एक नया वर्जन है चेक डाटा स्टोरेज करता है।
- इसमें एक चिप होती है इसमें कोई ड्राइव नहीं घूमती।
- एसएसडी की गति ज्यादा होती है क्योंकि इसमें किसी भी तरह का पार्ट इसकी यूज करते समय नहीं चलता है।
- SSD को फास्टर, प्रोसेस, आउट पुट परफॉर्मेंस के लिए डिजाइन किया गया है।
- एसएसडी की खास बात यह है कि यह अधिक तीव्रता से काम करती है और बिजली की कम खपत लगती है।
- SSD इसके इंटरनल पार्ट की बनावट की वजह से बहुत महंगी होती है।
- एसएसडी रेम की तरह सेमी ट्रैक्टर से बना होता है लेकिन यह एक परमानेंट स्टोरेज डिवाइस होता है।
SSD को लैपटॉप मे कैसे कनेक्ट करें?
- लैपटॉप को SSD लगाने के पलट दें।
- और एस्क्रू ड्राइवर की मदद से DVD राइडर जो साइड में लगे होते है उसके एस्क्रू को निकाले।
- DVD ड्राइवर को बाहर निकाल SSD को केडी के अन्दर लगायें ।
- ओरिजनल DVD ड्राइवर में एक पत्ती होती है जिसे आपको निकाल कर केडी में लगा दें।
- DVD ड्राइव में प्लास्टिक पार्ट को निकाल कर अपनें केडी में लगाएं जिससे केडी बाहर न निकल पाए और वह स्थान खाली न दिखे।
- तत्पश्चात आपकों तैयार केडी को DVD ड्राइव के स्थान पर लगाएं।
- लैपटॉप में SSD को कनेक्ट करने के लिए मेनेज सेक्शन में जाएं।
- डिस्क मैनेजमैंट का ऑप्शन प्राप्त होता हैं और आप ओके क्लिक करते ही आप को स्टोरज दिखाई देगा।
इन्हे भी पढ़ें :
अंतिम शब्द :
आशा करता हूँ की आपको SSD क्या है की महत्वपूर्ण जानकारी आपको सही लगी होगी।
SSD क्या है से सम्बंधित जानकारी सही लगे तो दोस्तों को शेयर करें।
कोई प्रश्न है तो हमें कमेंट करें।
धन्यवाद।